वाच्य- वाच्य का अर्थ है ‘बोलने का विषय।’
क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके द्वारा किए गए विधान का विषय कर्ता है, कर्म है या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
वाच्य किसे कहते है, भेद, उदाहरण |
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दूसरे शब्दों में क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके प्रयोग का आधार कर्ता, कर्म या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। वाच्य के भेद-हिंदी में वाच्य के तीन भेद माने जाते हैं –
1. कर्तवाच्य- जिस वाक्य में कर्ता की प्रमुखता होती है अर्थात क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग, वचन, कारक के अनुसार होता है और इसका सीधा संबंध कर्ता से होता है तब कर्तृवाच्य होता है।
कर्तृवाच्य-कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य।
कर्तृवाच्य में अकर्मक और सकर्मक दोनों प्रकार की क्रिया का प्रयोग किया जाता है; जैसे –
कर्ता के अपनी सामर्थ्य या क्षमता दर्शाने के लिए सकारात्मक वाक्यों में क्रिया के साथ सक के विभिन्न रूपों का प्रयोग किया जाता है; जैसे –
- मैं फ्रेंच पढ़-लिख सकता हूँ।
- यह कलाकार फ़िल्मी गीतों के अलावा लोकगीत भी गा सकता है।
- ऐसा सुंदर स्वेटर सुमन ही बन सकती है।
- यही मज़दूर इस भारी पत्थर को हटा सकता है।
कर्तृवाच्य के वाक्यों को कर्मवाच्य और भाववाच्य में बदला जा सकता है। कर्तृवाच्य में कर्ता की असमर्थता दर्शाने के लिए क्रिया एवं नहीं के साथ सक के विभिन्न रूपों का भी प्रयोग किया जा सकता है; जैसे –
- मैं चीनी भाषा नहीं लिख सकता हूँ।
- यह मोटा आदमी तेज़ नहीं दौड़ सकता है।
- बच्चे आज खेलने बाहर नहीं जा सकते हैं।
- मोहन यह सवाल हल नहीं कर सकता है।
2. कर्मवाच्य-जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है तथा क्रिया का प्रयोग कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होता है और कर्ता की स्थिति में स्वयं कर्म होता है, वहाँ कर्मवाच्य होता है।
जैसे –
उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया का प्रयोग कर्ता के अनुसार न होकर इनके कर्म के अनुसार हुआ है, अतः ये कर्मवाच्य हैं।
अन्य उदाहरण –
मोहन के द्वारा लेख लिखा जाता है।
हलवाई द्वारा मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
चित्रकार द्वारा चित्र बनाया जाता है।
रूपाली द्वारा कढ़ाई की जाती है।
कर्मवाच्य-कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य
- कर्मवाच्य में कर्म उपस्थित रहता है और क्रिया सकर्मक होती है।
कर्मवाच्य के वाक्यों में प्रायः क्रिया ‘जा’ का रूप लगाया जाता है; जैसे – - इस वाच्य में कर्ता के बाद से या के द्वारा का प्रयोग किया जाता है; जैसे –
- तुलसीदास द्वारा रामचरितमानस की रचना की गई। (कर्ता + द्वारा)
- नौकर से गिलास टूट गया। (कर्ता + से)
- कभी-कभी कर्ता का लोप रहता है; जैसे –
पेड़ लगा दिए गए हैं। पत्र भेज दिया गया है। - कर्मवाच्य में असमर्थता सूचक वाक्यों में ‘के द्वारा’ के स्थान पर ‘से’ का प्रयोग किया जाता है। ऐसा केवल नकारात्मक वाक्यों में किया जाता है; जैसे –
मुझसे अंग्रेज़ी नहीं बोली जाती। मज़दूर से यह भारी पत्थर नहीं उठाया गया। - कर्मवाच्य का प्रयोग निम्नलिखित स्थानों पर भी किया जाता है –
(i) कार्यालयी या कानूनी प्रयोग में –
हेलमेट न पहनने वालों को दंडित किया जाएगा।
चालान घर भिजवा दिया जाएगा।
(ii) अशक्तता दर्शाने के लिए; जैसे –
अब दवा भी नहीं पी जाती।
अब तो रोटी भी नहीं चबाई जाती।
(iii) जब सरकार या सभा स्वयं कर्ता हो; जैसे –
प्रत्येक घायल को पचास हजार रुपये दिए जाएँगे।
दालों के निर्यात का फ़ैसला कर लिया गया है।
(iv) जब कर्ता ज्ञात न हो; जैसे –
भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पत्र भेज दिया गया है।
(v) अधिकार या घमंड का भाव दर्शाने के लिए; जैसे
ऐसा खाना हमसे नहीं खाया जाता।
नौकर को बुलाया जाए।
3. भाववाच्य – इस वाच्य में कर्ता अथवा कर्म की नहीं बल्कि भाव अर्थात् क्रिया के अर्थ की प्रधानता होती है; जैसे –
मरीज से उठा नहीं जाता।
पहलवान से दौडा नहीं जाता।
भाववाच्य – कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य
- इस वाच्य में प्रायः नकारात्मक वाक्य होते हैं।
- भाववाच्य में अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है।
भाववाच्य में प्रयुक्त क्रिया सदा पुल्लिंग अकर्मक और एकवचन होती है।
जैसे –
- चलो, अब सोया जाय।
- ऐसी धूप में कैसे चला जाएगा।
- विधवा से रोया भी नहीं जाता।
- इस मोटे व्यक्ति से उठा नहीं जाता।
- चलो घूमने चला जाए।
- भाववाच्य को केवल कर्तृवाच्य में बदला जा सकता है।
वाच्य-परिवर्तन
वाच्य परिवर्तन के अंतर्गत तीनों प्रकार के वाच्यों को परस्पर परिवर्तित किया जाता है
1. कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना-कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाने के लिए –
(i) यदि कर्ता के बाद ‘ने’ परसर्ग लगा है तो उसे हटाकर द्वारा, से, के द्वारा लगाया जाता है।
(ii) क्रिया का प्रयोग कर्म के लिंग पुरुष और वचन के अनुसार करके ‘जा’ धातु को उचित रूप जोड़ देते हैं; जैसे –
2. कर्तृवाच्य से भाववाच्य में बदलना-भाववाच्य में मुख्य रूप से निषेधात्मक वाक्य आते हैं। भाववाच्य बनाते समय ने परसर्ग हटाकर से जोड़ दिया जाता है तथा क्रिया में आवश्यक बदलाव कर दिया जाता है; जैसे –
3. कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में बदलना –
4. भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन –
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों के वाच्य का नाम लिखिए
- वह खाना खाकर चला गया। (2013 Comptt.)
- मोहन से चला नहीं जाता। (2013 Comptt.)
- आज निश्चित होकर सोया जाएगा। (Delhi 2014)
- ड्राईवर बस चलाता जा रहा था।
- उससे पत्र नहीं पढ़ा जाता।
- रुक्मिणी से यह सामान नहीं उठाया जाता।
- छात्राएँ रात-रात भर पढ़ाई करती रही।
- वह रामलीला देख रहा है।
- तन्वी रात भर सो न सकी।
- अक्षर से एक भी गेंद नहीं फेंकी गई।
उत्तरः
- कर्तृवाच्य
- भाववाच्य
- भाववाच्य
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- कर्मवाच्य
- कर्तृवाच्य
- कर्तृवाच्य
- भाववाच्य
- कर्मवाच्य
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों को कर्तृवाच्य में बदलिए
- दीप्ति द्वारा नहीं लिखा जाता। (Delhi 2013 Comptt.)
- शोभना से पढ़ा नहीं जाता। (All India 2013 Comptt.)
- श्रद्धालु काशीवासियों द्वारा इस सभा का आयोजन किया जाता है। (Delhi 2013)
- समर्थकों द्वारा पुष्प वर्षा की गई। (Foreign 2014)
- आपके द्वारा उनके विषय में क्या सोचा जाता है। (Delhi 2014)
- उनके द्वारा कैप्टन की देशभक्ति का सम्मान किया गया। (All India 2014)
- चलिए, अब सोया जाए। (All India 2014)
- परीक्षा के बारे में अध्यापक द्वारा क्या कहा गया? (Delhi 2015)
- चलो, आज मिलकर कहीं घूमा जाए। (Delhi 2015)
- महादेवी वर्मा द्वारा ‘यामा’ लिखी गई। (Foreign 2015)
- माँ से रात भर बैठा नहीं जाएगा। (Foreign 2015)
- प्रेमचंद द्वारा गोदान लिखा गया। (All India 2015)
- इन मच्छरों में रातभर कैसे सोया जाएगा। (All India 2015)
- मुझसे सहा नहीं जाता।(All India 2015)
- कथावाचक द्वारा गीता का रहस्य समझाया गया।
उत्तरः
- दीप्ति नहीं लिखती है।
- शोभना नहीं पढ़ती है।
- श्रद्धालु काशीवासी इस सभा का आयोजन करते हैं।
- समर्थकों ने पुष्पवर्षा की।
- आप उनके विषय में क्या सोचते हैं।
- उन्होंने कैप्टन की देशभक्ति का सम्मान किया।
- चलो,अब सोते हैं।
- परीक्षा के बारे में अध्यापक ने क्या कहा?
- चलो आज मिलकर कहीं घूमते हैं।
- महादेवी ने ‘यामा’ लिखी।
- माँ रात भर बैठ नहीं सकेगी।
- प्रेमचंद ने गोदान लिखा।
- इन मच्छरों में रात भर कैसे सोएँगे।
- मैं सह नहीं सकता।
- कथावाचक ने गीता का रहस्य समझाया।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए
- उन्होंने दोनों भाइयों को पढ़ाया। (Delhi 2013)
- रामपाल ने बड़े दुखी मन से अपना अपराध स्वीकार किया। (Foreign 2014)
- उसने भगत को दुनियादारी से निवृत्त कर दिया। (Foreign 2014)
- आओ, कुछ बातें करें। (Delhi 2014)
- हमने उसको अच्छे संस्कार देने का प्रयास किया। (Delhi 2014)
- मंत्री जी ने राहत सामग्री बँटवाई। (All India 2014)
- अनेक श्रोताओं ने कविता की प्रशंसा की। (Delhi 2015)
- बहन ने भाई को प्रेमपूर्वक राखी बाँधी। (Foreign 2015)
- सभी दर्शकों ने नाटक की प्रशंसा की। (All India 2015)
- उसने भोजन कर लिया।
- सरकार ने शिक्षा का बजट दूना कर दिया है।
- मंत्री जी ने मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन किया।
- दाल के दाम ने लोगों को रुला दिया है।
- उसने नया व्यवसाय शुरू कर दिया है।
- वह कालीन बुनता है।
उत्तरः
- उनके द्वारा दोनों भाईयों को पढ़ाया गया।
- रामपाल द्वारा अत्यंत दुखी मन से अपना अपराध स्वीकार किया गया।
- उसके द्वारा भगत को दुनियादारी से मुक्त कर दिया गया।
- आइए, कुछ बातें की जाएँ।
- हमारे द्वारा उसको अच्छे संस्कार देने का प्रयास किया गया।
- मंत्री जी द्वारा राहत सामग्री बँटवाई गई।
- अनेक श्रोताओं द्वारा कविता की प्रशंसा की गई।
- बहन द्वारा भाई को प्रेमपूर्वक राखी बाँधी गई।
- सभी दर्शकों द्वारा नाटक की प्रशंसा की गई।
- उसके द्वारा भोजन कर लिया गया।
- सरकार द्वारा शिक्षा का बजट दूना बढ़ा दिया गया है।
- मंत्री जी द्वारा मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन किया गया।
- दाल के दाम द्वारा लोगों को रुला दिया गया है।
- उसके द्वारा नया व्यवसाय शुरू कर दिया गया है।
- उसके द्वारा कालीन बुना जाता है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों को भाववच्य में बदलिए
- घायल होने के कारण वह उड़ नहीं पाया। (Delhi 2013)
- मोहिनी क्षणभर के लिए भी शांत नहीं बैठती है। (Delhi 2013)
- चलो, अब चलते हैं। (Foreign 2014)
- माँ रो भी नहीं सकती। (All India 2014)
- हम इतनी गरमी में नहीं रह सकते। (Delhi 2015)
- वह खड़ा नहीं हो सकता। (foreign 2015)
- वह अब भी बैठ नहीं सकता। (All India 2015)
- पेड़ कट गए हैं।
- मैं पढ़ नहीं सकता।
उत्तरः
- घायल होने के कारण उससे उड़ा नहीं गया।
- मोहिनी से क्षण भर भी शांत नहीं बैठा जाता है।
- चलिए अब चला जाए।
- माँ से रोया भी नहीं जाता।
- हमसे इतनी गरमी में भी नहीं रहा जाता।
- उससे खड़ा नहीं हुआ जा सकता।
- उससे अब भी बैठा नहीं जाता।
- पेड़ों को काट दिया गया है।
- मुझसे पढ़ा नहीं जा सकता।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में वाच्य परिवर्तन कीजिए – (CBSE Sample Question Paper 2016)
- यह मकान दादाजी ने बनवाया है। (कर्म वाच्य)
- वह दौड़ नहीं सकता। (भाव वाच्य)
- अध्यापक द्वारा विद्यार्थी को पढ़ाया गया। (कर्तृ वाच्य)
- राष्ट्रपति ने इस भवन का उद्घाटन किया। (कर्म वाच्य)
उत्तरः
- यह मकान दादा जी के द्वारा बनवाया गया है।
- उससे दौड़ा नहीं जाता।
- अध्यापक ने विद्यार्थी को पढ़ाया।
- राष्ट्रपति द्वारा इस भवन का उद्घाटन किया गया।
अब स्वयं करें
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों के वाच्य भेद पहचानिए
- मुझे अंग्रेज़ी नहीं पढ़ी गई।
- रश्मि पत्र लिखती है।
- लता मंगेशकर मधुर गीत गाती है।
- बच्चे विद्यालय को साफ़-सुथरा रखेंगे।
- थकान के कारण मज़दूर से उठा नहीं जाता।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों के वाच्य भेद पहचानिए –
- मरीज से अब और नहीं सहा जाता।
- शेर शिकार की तलाश में घूम रहे हैं।
- उसने बच्चे को खिलौना दिया।
- अध्यापक द्वारा चित्रकला सिखाई जाती है।
- मच्छरों ने रात की नींद हराम कर दी।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –
- भूमिहीन लोग सरदार पटेल को याद करते हैं। (कर्मवाच्य)
- गरम रेत में कैसे चला जाएगा। (कर्तृवाच्य)
- बच्चे शतरंज खेलेंगे। (कर्मवाच्य)
- घायल व्यक्ति अस्पताल से कैसे भागेगा। (भाववाच्य)
- मैं इस समस्या का समाधान खोज रहा हूँ। (कर्मवाच्य)
- रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से युद्ध किया। (कर्मवाच्य)
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –
- तात्या टोपे द्वारा अंग्रेज़ों को नाको चने चबवाए गए। (कर्तृवाच्य)
- इतने शोर में मैं नहीं सो सकता हूँ। (भाववाच्य)
- किसने गमला तोड़ा है। (कर्मवाच्य)
- छोटा-सा बच्चा मंदिर के पास भीख माँग रहा था। (कर्मवाच्य)
- राणा प्रताप द्वारा घास की रोटियाँ खाईं गईं। (कर्तृवाच्य)
प्रश्न 5.
कर्मवाच्य किसे कहते हैं ? कर्मवाच्य में बदलते समय क्या-क्या बदलाव करना चाहिए?
प्रश्न 6.
भाववाच्य से आप क्या समझते हैं ? भाववाच्य की क्रिया की विशेषताएँ लिखिए।